पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु भाकर की जीत

fea pic

हरयाणा के झांझर की ” मनु भाकेर” ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 के 10m एयर पिस्तौल इवेंट में भारत के लिए इस सत्र का पहला मैडल लाके पुरे भारत को गौरवान्वित किया है ।  इस खेल में पदक जीतने वाली पहली माहिला खिलाडी  है।  यह पदक भारत के खेल जगत में एक क्रांति का कारन बनेगा। 

प्रारंभिक जीवन और निशानेबाजी में प्रवेश

18 फेब्रुअरी 2002 को जन्मी मनु का रुझान शुरू से ही खेलो  की तरफ रहा है, शुरू से ही मनु  बॉक्सिंग,टेनिस,स्केटिंग,और हुएं लैंगलों नाम के मणिपुरी मार्टियल आर्ट्स जैसे अलग – अलग खेलों को खेलते आ रही थी लेकिन निशानेबाज़ी की शुरुआत तब हुई जब 14 साल की   मनु  2016 की रिओ ओलंपिक्स को देखकर निशानेबाज़ी  करने का फैसला किया।  मनु के पिता “राम किशन भाकेर”  जो की “मर्चेंट नेवी” में मुख्य इंजीनियर के पद पे थे उन्होंने मनु के निशानेबाज़ी करने के फैसले का पूर्ण समर्थन किया जिस्का परिणाम पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत के लिए पहला पदक है। 

प्रमुखता की ओर कदम 

निशानेबाजी की दुनिया में भाकर की जबरदस्त प्रगति 2017 राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप से शुरू हुई, जहां उन्होंने एक नया रिकॉर्ड स्थापित करके ओलंपियन हीना सिद्धू को पछाड़ दिया। 2018 में, उन्होंने मैक्सिको के ग्वाडलाजारा में आईएसएसएफ विश्व कप में पदार्पण किया, जहां उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा और ओम प्रकाश मिथरवाल के साथ मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, जिससे वह आईएसएसएफ विश्व में स्वर्ण जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं। कप

प्रमुख उपलब्धियां

अपने पूरे करियर के दौरान, भाकर ने लगातार उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता, उसी वर्ष ब्यूनस आयर्स में युवा ओलंपिक खेलों में एक नया रिकॉर्ड बनाया और विभिन्न आईएसएसएफ विश्व कप में कई स्वर्ण पदक जीते। उपकरण की खराबी के कारण टोक्यो 2020 ओलंपिक में एक चुनौतीपूर्ण अनुभव के बावजूद, उन्होंने 2022 एशियाई खेलों और 2023 आईएसएसएफ विश्व कप सहित बाद के जूनियर और सीनियर स्पर्धाओं में पदक जीतकर वापसी की।

पेरिस 2024 ओलंपिक प्रदर्शन

पेरिस 2024 ओलंपिक में, भाकर ने असाधारण कौशल और लचीलेपन का प्रदर्शन किया। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 22 शॉट्स के बाद 221.7 के कुल स्कोर के साथ कांस्य पदक हासिल किया, और केवल 0.1 अंक से रजत पदक से चूक गईं। उनके प्रदर्शन ने न केवल भारत को खेलों का पहला पदक दिलाया, बल्कि उन्हें भारतीय खेलों में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में भी उजागर किया

हरियाणा के एक छोटे से गांव से ओलंपिक पोडियम तक मनु भाकर की यात्रा उनके समर्पण, प्रतिभा और उनके परिवार के अटूट समर्थन का प्रमाण है। पेरिस 2024 ओलंपिक में उनकी सफलता भारत और उसके बाहर कई युवा एथलीटों को प्रेरित करेगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top